पक्ष-विपक्ष में टकराव की संभावना!

नई दिल्ली. 17 नवम्बर। संसद के शीतकालीन सत्र से पहले पार्लियामेंट की लाइब्रेरी बिल्डिंग में हई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के प्रतिनिधियों ने सत्र के दौरान उठाए जाने वाले अहम मुद्दों पर अपनी अपनी राय रखी। संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी द्वारा बुलाई गई इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, संसदीय कार्यराज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समेत कई दलों के नेता मौजूद रहे। इस बैठक में कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी, टीएमसी से डेरेक ओ ब्रायन और सुदीप बंधोपाध्याय, बीएसपी से सतीश चंद्र मिश्रा, एलजेपी से चिराग पासवान, आप किया सांसद संजय सिंह भी मौजद रहे। शीतकालीन सत्र में नागरिकता विधेयक पेश करने की सरकार की योजना, जम्मू कश्मीर की विकास स्थिति, आर्थिक सुस्ती और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव होने की संभावना है। आयकर अधिनियम, 1961 और वित्त अधिनियम, 2019 में संशोधन को प्रभावी बनाने के लिए सितंबर में एक अध्यादेश जारी किया गया था जिसका उद्देश्य नई एवं घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर में कमी लाकर आर्थिक सुस्ती को रोकना और विकास को बढ़ावा देना है। दूसरा अध्यादेश भी सितंबर में जारी किया गया था जिसमें ई-सिगरेट और इसी तरह के उत्पाद की बिक्री, निर्माण एवं भंडारण पर प्रतिबंध लगाया गया है। लोकसभा चुनाव में मिले अपार जनादेश के साथ सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा नीत राजग सरकार का यह इस कार्यकाल में दूसरा संसद सत्र है। संसद का पहला सत्र काफी बेहतर रहा। इस सत्र के दौरान फौरी तीन तलाक की प्रथा को दंडनीय बनाने, राष्ट्रीय जांच एजेंसी को और अधिक शक्तियां देने जैसे कई अहम विधेयक दोनों सदनों में पारित हुएइस दौरान जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को हटाने और इसे दो केंद्रशासित क्षेत्रों-जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने का प्रस्ताव भी दोनों सदनों में पारित हुआ। सोमवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में सरकार विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित कराने की तैयारी में है जो भाजपा का अहम मुद्दा है। इसका लक्ष्य पड़ोसी देशों से आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करना है- शेष पेज 11 पर


आशंका


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