चलते-चलते...

मुकेश अलख और हम पहुंच PSS BLOG गए उत्तर प्रदेश में चिकित्सा एवं मेडिकल साइंस अनुसंधान के क्षेत्र में "मील का पत्थर" संजय गांधी स्नाकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई). जी हां, इस संस्थान ने एक तरफ जहां मेडिकल साइंस अनुसंधान में "मील का पत्थर" है तो वहीं दूसरी तरफ 'सुपर स्पेशलिस्ट' चिकित्सक एवं चिकित्सा के रूप में 'धरोहर'। __ इस संस्थान में जब हम पहुंचे तो दिन था शनिवार । मतलब, शनिवार को यहां वाहय मरीजों की चिकित्सा के लिए उपलब्ध संसाधन (ओपीडी, ईटीसी) आधे दिन के बाद बंद हो जाता हैं, और खामोशी पसड़ जाती हैं। लेकिन इस शनिवार को ऐसा नहीं था। सगर्मियां बनी हुई थी चर्चाएं चल रही थी, मरीजों के बजाए संस्थान कर्मियों के बीच और वह केन्द्रित था इस बात को लेकर कि इस संस्थान का अगला निदेशक कौन बनेगा? अलग-अलग कयास लगाए जा रहे थे। __ एसपीजीआई के निर्देशक के पद पाने की दौड़ में 27 उम्मीदवार है, बाजी कौन मार ले जाएगा?, जिसकी लॉबी सबसे मजबूत और प्रभावशाली होगी वह बाजी मार ले जायेगा। अब किसकी लाँवी कितना प्रभावी होगी इस पर भी मंथन शुरू हुआ और विराम यहां आकर लगा कि एसजीपीजीआई के एक विभाग के अध्यक्ष अमित अग्रवाल ही नए निर्देशक होंगे। यानि कि इनकी लाँवी सबसे प्रभावशाली और मजबूत है। दसरी तरफ चर्चा है कि क्या नये निदेशक इस सुपर स्पेशलाइज संस्थान पर हाल के दिनों में मरीजों के इलाज में बरती गई लापरवाही से लगे कलंक' को आगे नहीं लगने देंगे? - शेष पेज 11 पर